( तर्ज - अब तुम दया करो महादेवजी ० )
मोहे लागत नाम पियारा ,
जिसमें ' सियाराम ' हो भाई ॥टेक ॥
हम योगयाग नहि जाने ,
नहि ब्रह्म - ग्यानको माने ।
भक्ती - रसके दीवाने जी ,
बस प्रेम बसा मनमाँही ॥ १ ॥
नहि आसन हमने कीन्हा ,
नहि जोग अंगपर लीन्हा ।
सियाराम नाम ले गानाजी ,
फिर दिलमें धोखा नाही ॥२ ॥
आँखोमे राम समाना ,
मुखसे वह रामहि गाना ।
" दिलसे उसमें रैगजानाजी ,
भरपूर कमाई पाई ॥३ ॥
बिन राम न काम सुहावे ,
नहि नेम प्रेममें भावे।
तुकड्या कहे राम जो गावेजी ,
बस वही न धोखा पाई ॥४ ॥
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